दोस्तों एक्ट्रेस मालवी मल्होत्रा पर पिछले साल लॉकडाउन के दौरान जानलेवा हमला हुआ था। योगेश महिपाल सिंह नाम के शख्स ने उन पर चाकू से कई वार किए थे और उन्हें गंभीर हालत में अस्पताल में भर्ती कराया गया था। मालवी ने इसके लिए एक्ट्रेस कंगना रनोट से मदद मांगी थी। लेकिन उनकी मानें तो उन्हें उनकी ओर से सिवाय एक ट्वीट के कोई मदद नहीं मिली।
लॉकडाउन की शुरुआत में मैंने अपने आपको बहुत व्यस्त रखा था। इसके पहले मैंने हार्वर्ड यूनिवर्सिटी से राइटिंग का कोर्स किया था। फिर मैंने काम करना शुरू कर दिया था। अक्टूबर में दुबई गई और वहां एक फिल्मफेर का कैलेंडर शूट किया। दुबई से लौटते ही मेरी जिंदगी बदल गई। 25 अक्टूबर को मैं दुबई से लौटी और 26 अक्टूबर को मुझ पर जानलेवा हमला हो गया था।
मैं आज भी उस घटना से बाहर नहीं आ पाई हूं। आज भी शरीर पर घाव के निशान हैं। ये घाव तो भर जाएंगे। लेकिन इमोशनली इससे बाहर आने में काफी वक्त लगेगा। आज भी जब अकेली सड़क पर चलती हूं तो बहुत डर लगता है। कई बार ऐसा लगता है जैसे कोई पीछा कर रहा है। खुद के साथ पेपर स्प्रे लेकर चलती हूं। शायद वक्त के साथ सब नॉर्मल हो जाएगा। मां-बाप का काफी सपोर्ट मिला है। उनकी मदद से इमोशनली मोटीवेट होती हूं। वे डर से निकलने के लिए मुझे मोटीवेट करते हैं।
कंगना रनोट से मुझे बस यही शिकायत है कि यदि वो किसी से कोई वादा करती हैं तो वह उन्हें पूरा करना चाहिए। मैंने इंडस्ट्री में कंगना से ही मदद मांगी थी, क्योंकि हम दोनों हिमाचल प्रदेश से हैं। वो हर मुद्दे पर बोलती हैं तो मुझे लगा मेरे केस में भी बोलेंगी। लेकिन ऐसा नहीं हुआ। उन्होंने मेरे बारे में सिर्फ एक बार ट्वीट किया। लेकिन उसके बाद कोई मदद नहीं की। इस बात का दुख हमेशा रहेगा। हिमाचल के लोग ऐसे नहीं होते है।
उर्मिला मातोंडकर बहुत अच्छी महिला हैं। सबसे अच्छी बात ये है कि उन्हें लगता हैकि औरतों को कभी डर कर नहीं रहना चाहिए। उन्हें हमेशा अपने हक के लिए लड़ना चाहिए। उन्होंने मुझे काफी इमोशनल सपोर्ट दिया है। साथ ही ज्यूडिशियल सिस्टम में भी सपोर्ट किया। जिस पावर पोजीशन पर वे हैं, उन्होंने उसका इस्तेमाल अच्छे काम के लिए इस्तेमाल किया है। मैं उनका बहुत सम्मान करती हूं।