अनु सूचित जाति समाज के बारे में अप मानजनक टिप्पणी करने के मामले में क्रिकेटर युवराज सिंह को हांसी (हिसार, हरियाणा) पुलिस ने शनिवार को गिर फ्तार किया। युवराज सिंह से हिसार स्थित पुलिस विभाग की गजेटिड ऑफिसर मैस में पूछताछ की गई और बाद में हाईकोर्ट के निर्देशानुसार उसे जमा नत पर छोड़ा गया।
उधर, शिकायतकर्ता रजत कलसन ने आरोप लगाया है कि युवराज सिंह को हरियाणा पुलिस ने पूरा वीआईपी ट्रीटमेंट दिया। उसके साथ सेल्फी खिंचवाई गईं। ऑफिसर मैस में जूस व स्नेक्स खिलाए गए।
रजत ने बताया कि उन्होंने पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट के युवराज सिंह को अंतरिम जमा नत दिए जाने के आदेश को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी है। उनकी पूरी कोशिश रहेगी कि जो सेलिब्रेटी व वीआईपी आप त्तिजनक शब्दों से अपमान करते है, उन्हें जे ल भेजकर एक सख्त संदेश दिया जाए।
पूछताछ के बाद हांसी पुलिस अब युवराज सिंह के खिलाफ अदालत में चालान पेश करेगी। इसके बाद युवराज सिंह को विशेष अदालत से नियमित जमा नत भी हासिल करनी पड़ेगी। युवराज सिंह को हिसार की अनुसूचित जाति व जनजाति अत्याचार अधिनियम के तहत स्थापित विशेष अदालत में हर पेशी में आना होगा। अप राध साबित होने पर उसे 5 साल की सजा भी हो सकती है।
वहीं, इस मामले में कुछ दिन पहले हाईकोर्ट ने युवराज सिंह को अग्रिम जमा नत के आदेश दे दिए थे. इसी के चलते हांसी पुलिस ने उनकी औपचारिक तौर पर गिर फ्तारी की, कुछ सवालों के जवाब उनसे जानें और फिर अग्रिम जमा नत के कागजातों के आधार पर उन्हें छोड़ दिया गया. उल्लेखनीय है कि उन्हें शनिवार को गिर फ्तार किया गया था और तीन घंटे की पूछताछ के बाद फिर छोड़ दिया गया.
युवराज हाईकोर्ट के आदेश के बाद ही इस जांच में शामिल होने के लिए हिसार पहुंचे थे. उनके साथ सुरक्षाकर्मी के सहित चार पांच स्टाफ के लोग और वकील भी चंडीगढ़ से हिसार पहुंचे थे. कुछ घंटों की कार्रवाई और पूछताछ के बाद वे एक बार फिर चंडीगढ़ के लिए रवाना हो गए. गौरतलब है कि सोशल एक्टिविस्ट रजत कलसन ने पुलिस में की थी शिकायत, जिस पर युवराज के खिलाफ केस दर्ज हुआ था.