22 जुलाई 1995 को मुंबई में जन्मे अरमान मलिक अपने रोमांटिक सॉन्ग से हर किसी का दिल जीत लेते हैं. वह म्यूजिकल परिवार से ताल्लुक रखते हैं. दरअसल, अरमान के दादा सरदार मलिक बॉलीवुड के मशहूर सिंगर थे, तो अरमान के पिता भी सिंगर है और वह अनु मलिक के भतीजे हैं. इस खास मौके पर चलिए जानते हैं उनसे जुड़े कुछ खास किस्से.

अरमान मलिक को बचपन से ही संगीत की शिक्षा दी जाने लगी थी. जब चार साल के थे, उस वक्त से ही घर वालों ने उन्हें संगीत सीखाना शुरू कर दिया था . 8 साल की उम्र में वह गाना गाने लगे थे. अरमान मलिक ने जब सा रे गा मा पा लिटिल चैंप्स के पहले एडिशन में हिस्सा लिया, उस वक्त वह नौ साल के थे. वह भले यह शो नहीं जीत पाए, लेकिन टॉप 7 में सिलेक्ट हो गए थे.

अरमान मलिक को उनका पहला बॉलीवुड ब्रेक स्कूल की पढ़ाई के दौरान ही मिल गया था. एक बार अरमान मलिक स्कूल में परीक्षा दे रहे थे, तभी उनकी मां उनसे मिलने स्कूल पहुंच गईं. अरमान वहां पहुंचे तो विशाल-शेखर की जोड़ी उनसे एक गाना रिकॉर्ड करवाने के लिए तैयार थी. यह गाना उन्होंने अमिताभ बच्चन के साथ फिल्म भूतनाथ के लिए गाया था.
इसके बाद अरमान रुके नहीं. जब वह 18 साल के हुए, तब उन्होंने अपना पहला सोलो एल्बम निकाला था. इसी एल्बम ने उनकी और सलमान खान दोस्ती कराई थी. एल्बम का एक गाना फिल्म जय हो में भी रखा गया. लेकिन अरमान को फेम इमरान हाशमी स्टारर ‘मैं रहूं या न रहूं’ गाने से मिली थी. अरमान मलिक एक बेहतरीन सिंगर के साथ ही अच्छे डबिंग आर्टिस्ट भी हैं. उन्होंने ‘स्लमडॉग मिलेनियर’ के रेडियो वर्जन में सलीम के किरदार को आवाज दी है. इसके अलावा फिल्म ‘माय नेम इस खान’ में भी उन्होंने एक इंग्लिश बच्चे की आवाज को हिंदी में डब किया था.


