अमिताभ बच्चन ने हाल ही में नई पीढ़ी को संस्कार सिखाने की अहमियत पर अपने विचार साझा किए। 82 साल के इस दिग्गज अभिनेता का मानना है कि आज के तेजी से बदलते दौर में पारंपरिक मूल्यों का महत्व कम होता जा रहा है। उन्होंने जोर देकर कहा कि हमें युवाओं को नैतिकता और सांस्कृतिक मूल्यों की शिक्षा देनी चाहिए। आइए जानते हैं अमिताभ बच्चन ने अपने ब्लॉग में क्या कहा?
अमिताभ ने अपने ताजा ब्लॉग में लिखा, “हर दिन कुछ नया सीखना जिंदगी को समृद्ध करता है। यह सीख युवाओं से, नई पीढ़ी से या किसी भी पीढ़ी से आ सकती है, लेकिन इसका मूल्य सिर्फ भौतिक नहीं, बल्कि नैतिक और सांस्कृतिक भी होता है।” बिग बी के मुताबिक संस्कार वह शक्ति है जो हमारे व्यवहार को दिशा देती है। यह वह शिक्षा है जो हमें हमारे पूर्वजों ने अपने व्यवहार, मार्गदर्शन और आचरण से दी।
उन्होंने संस्कार को जीवन की शोभा बताया, जो हमें यह सिखाता है कि कब और कहां कैसा व्यवहार करना चाहिए। अमिताभ ने लिखा, “संस्कार हमारे जीवन को अंत तक प्रभावित करते हैं। यह सिर्फ इंसानों तक सीमित नहीं, बल्कि हर प्राणी और पर्यावरण तक फैला है।” अमिताभ ने समय के महत्व पर भी बात की। उन्होंने कहा, “जब समय कम होता है तो हम सबसे ज्यादा काम कर लेते हैं, लेकिन जब समय की कमी नहीं होती तो काम शुरू ही नहीं होता।” अमिताभ के मुताबिक हम अक्सर कहते हैं कि ‘कल करेंगे’, लेकिन वह ‘कल’ कभी नहीं आता। इस आलस्य को वह क्षमा लायक नहीं मानते हैं। उन्होंने अपने अनुभव साझा करते हुए कहा कि वह भी कई बार समय के इस जाल में फंस जाते हैं, लेकिन वह अपने दिमाग की इस लड़ाई को जीतने की कोशिश करते हैं।
अमिताभ का मानना है कि आज के दौर में संस्कारों की कमी चिंताजनक है। उन्होंने नई पीढ़ी को यह संदेश दिया कि हमें अपने मूल्यों को जीवित रखना होगा। उन्होंने कहा, “संस्कार वह शक्ति है जो हमें सही रास्ता दिखाती है। इसे अपनाने से ही हम अपने जीवन को सार्थक बना सकते हैं।”
वर्क फ्रंट की बात करें तो अमिताभ बच्चन हाल ही में सुपरस्टार रजनीकांत के साथ फिल्म ‘वेट्टैयन’ में नजर आए थे। इस फिल्म में उन्होंने फहाद फासिल और राणा दग्गुबाती के साथ भी स्क्रीन साझा किया था। हालांकि, बॉक्स ऑफिस पर यह फिल्म कुछ खास कमाल नहीं दिखा सकी थी।