कभी देश के कॉमेडियन नंबर वन रहे कपिल शर्मा की नेटफ्लिक्स पर दूसरी पारी को भी कुछ खास तवज्जो दर्शकों से मिलती दिख नहीं रही है। वह टेलीविजन छोड़कर ओटीटी पर आए और फ्लॉप रहे। उधर, ओटीटी छोड़कर टीवी पर गए स्टैंड अप कॉमेडियन जाकिर खान महीना भर भी मैदान में नहीं टिक पाए। दोनों शोज की विफलता का बड़ा कारण इन शोज में हिंदी सिनेमा के सितारों की भीड़ को माना जा रहा है। हर फिल्म की रिलीज से पहले चैनल चैनल भटकने वाले हिंदी फिल्मी सितारों के लिए भी ये खतरे की घंटी है। टीवी चैनलों की क्रिएटिव टीमों के बीच इस बीच एक नया डिस्कशन ये शुरू हो गया है कि क्या हिंदी फिल्मों के सितारे से टीवी दर्शक इतना चिढ़ने लगे हैं कि शो बंद करने की नौबत आ जाती है।
हिंदी फिल्मी सितारों और सोशल मीडिया इन्फ्लुएंसर्स के सहारे अपना शो चमकाने को कोशिश में रहे स्टैंड अप कॉमेडियन जाकिर खान का शो महीने भर में ही बंद होने की जब बीते हफ्ते खबर आई तो तमाम टीवी चैनलों की मार्केटिंग टीमों में सन्नाटा फैल गया। कोई दर्जन भर लेखकों के साथ शुरू हुई शो के कुल जमा आधा दर्जन एपिसोड ही शूट हुए और उसके बाद सोनी चैनल ने इसे बंद करने का फरमान सुना दिया। सोनी चैनल ने इस बीच तमाम और शोज भी बंद कर दिए हैं। अब इस शो पर सिर्फ ‘इंडियाज बेस्ट डांसर’ और ‘कौन बनेगा करोड़पति’ ही नए शोज बचे हैं। आने वाले शो ‘इंडियन आयडल’ को छोड़कर चैनल पर अब कोई नया शो नहीं बनेगा। इन कार्यक्रमों में हिंदी सिनेमा के सितारों की उपस्थिति नियंत्रित रखने का फरमान चैनल प्रबंधन की तरफ से जारी हो चुका है।
हिंदी सिनेमा में बनने वाली फिल्मों को दर्शकों तक पहुंचाने के लिए इन दिनों कोई भी नया तरीका निर्माता सोच नहीं पा रहे हैं। हर फिल्म से पहले देश के कुछ गिने चुने शहरों में सितारों की मॉल, स्कूलों और कॉलेजों में घुमाई होती। इसकी सोशल मीडिया पर छपाई होती और बस। अभिनेता विजय देवरकोंडा कहते हैं, “ये सब कितना सफल होता है, मैं खुद समझने की कोशिश करता रहा हूं। लेकिन, हमारे करार में इसका उल्लेख होता है और फिल्म कि रिलीज से पहले हमें कुछ दिन फिल्म निर्माताओं को देने ही होते हैं। इस दौरान वे क्या करते हैं, इस पर हमारा जोर नहीं होता।”
सोशल मीडिया और टीवी चैनलों पर इफरात की मौजूदगी का सबसे बड़ा असर उन सितारों के करियर पर पड़ता रहा है जिनके मां-बाप या रिश्तेदार पहले से फिल्मों में हैं। जान्हवी कपूर का सोशल मीडिया उनकी ग्लैमर तस्वीरों से भरा रहता है। जब वह बदन की नुमाइश नहीं कर रही होती हैं तो धोती पहनकर किसी मंदिर में नजर आती है। सारा अली खान के सलाहकार भी उन्हें मंदिर मंदिर लेकर घूमते रहते हैं, लेकिन दोनों का बड़े परदे पर करियर अब वहां पहुंच गया है, जहां कोई बड़ा चमत्कार ही इन्हें बचा सकता है। ट्रेड विशेषज्ञ कोमल नाहटा कहते हैं, “किसी भी फिल्म, सीरीज या टीवी शो को चलाने का एक ही मंत्र है और वह है प्रयोगवादी सोच। अगर आप दर्शकों को कुछ नया नहीं दे पा रहे हैं तो बासी कढ़ी में कितना भी तड़का मार लिया जाए, उसका स्वाद दर्शकों को भाएगा ही नहीं।”
फिल्मी सितारों की मौजूदगी पर आधारित शो ‘आपका अपना जाकिर’ के महीने भर में ही बंद हो जाने का सबसे बड़ा कारण इसमें फिल्मी सितारों की मौजूदगी को ही माना जा रहा है। ‘द कपिल शर्मा शो’ की तर्ज पर शुरू हुए इस शो का हश्र तकरीबन वैसा ही रहा जैसा नेटफ्लिक्स पर दोबारा शुरु हुए ‘द ग्रेट इंडियन कपिल शर्मा शो’ का होता दिख रहा है। दोनों शोज की टीआरपी या कहें कि दर्शकों की संख्या उनके सोलो शोज के मुकाबले कहीं ठहरती नहीं दिख रही है।