बिना शराब पिए हूबहू उसके जैसी एक्टिंग करने वाले इस एक्टर के लोग थे दीवाने, नाम से ही फूल हो जाते थे सिनेमा हाल!

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दोस्तों बॉलीवुड के बेहतरीन कॉमेडियन जॉनी वॉकर की पुण्यतिथि 29 जुलाई को है। उन्होंने अपने अभिनय से करोड़ों लोगों का दिल जीता। फिल्मों में जॉनी वॉकर को कास्ट करना मतलब फिल्म का हिट होना माना जाता था।उस वक्त ऐसा था कि मेकर्स राइटर्स पर दबाव डालकर फिल्म में उनका रोल तैयार करवाते थे। क्योंकि जॉनी वॉकर का इतना नाम था कि फिल्म में उनका नाम देख ही दर्शक थियेटर पर टूट पड़ते थे। उनकी पुण्यतिथि पर जानते है बॉलीवुड के इस सुपर स्टार की जिंदगी से जुड़ी खास बातें।

आपको बता दे की जॉनी वॉकर को 50, 60 और 70 के दशक का सबसे बेस्ट कॉमेडियन माना जाता है। जॉनी वॉकर यानी बदरुद्दीन जमालुद्दीन काजी का जन्म भी मध्यप्रदेश के इंदौर शहर में हुआ था। इनके पिता एक मिल में काम करते थे लेकिन मिल बंद होने की वजह से जमालुद्दीन का पूरा परिवार मुंबई आ गया। कहते है फिल्मों में काम करने का सपना लेकर आए जॉनी वॉकर को अपने संघर्ष के दिनों में बस कंडक्टर की नौकरी तक करनी पड़ी थी।

बता दे की अभिनेता जॉनी वॉकर के अंदर शुरू से सिनेमा का जुनून था और लोगों की नकल उतारने में माहिर थे, इसलिए बस में मिमिक्री से यात्रियों का मनोरंजन कर गुजारा करते थे। जॉनी वॉकर 10 भाई-बहनों में दूसरे नंबर पर थे। पिता के साथ घर के भरण पोषण की जिम्मेदारी उनकी भी थी। काफी कोशिशों के बाद जॉनी वॉकर को उनके पिता के जानने वाले पुलिस इंस्पेक्टर की सिफारिश पर बस कंडक्टर की नौकरी मिल गई जिसके बदले में उन्हें 26 रुपये हर महीने मिलते थे।

नौकरी मिलने के बाद जॉनी वॉकर काफी खुश थे क्योंकि इसके जरिए वो मुंबई के स्टूडियो भी घूम लेते थे। एक दिन उनकी मुलाकात डायरेक्टर के. आसिफ के सचिव रफीक से हुई। उनके कई बार गुजारिश के बाद फिल्म ‘आखिरी पैमाने’ में एक छोटा सा रोल मिला। उस रोल के लिए जॉनी वॉकर को 80 रुपये मिले। एक दिन बलराज साहनी की नजर जॉनी वॉकर पर पड़ी। उन्होंने जॉनी को गुरु दत्त से मिलने की सलाह दी। बस फिर क्या था उन्होंने गुरु दत्त के सामने शराबी की एक्टिंग की जिसे देखकर गुरु दत्त को वाकई लगा कि उन्होंने शराब पी रखी है। शराब पिए बगैर शराबी का किरदार निभाना वाकई काबिल-ए-तारीफ था।

पहले तो गुरु दत्त बहुत नाराज हुए कि उन्होंने शराब पी रखी है लेकिन बाद में जब उन्हें पता चला तो जॉनी को गले लगा लिया। कहा जाता है गुरु दत्त ने ही इनका नाम बदरुद्दीन जमालुद्दीन काजी से बदलकर अपने पसंदीदा स्कॉच ब्रांड ‘जॉनी वॉकर’ रख दिया था। जबकि फिल्मों में अक्सर शराबी का रोल करने वाले जॉनी वॉकर असल जिंदगी में बिल्कुल भी शराब नहीं पीते थे। बता दे की जॉनी वॉकर ने उस दौर के सभी बड़े डायरेक्टर्स के साथ काम किया। उनकी मुख्य फिल्मों में ‘जाल’, ‘हमसफर’, ‘मुगल ए आजम’, ‘मेरे महबूब’, ‘बहू बेगम’, ‘मेरे हुजूर’, ‘टैक्सी ड्राइवर’, ‘देवदास’, ‘मधुमति’ और ‘नया अंदाज’ है।