गोल्डन ग्लोब जीतते ही बदले राजामौली के तेवर? बोलें- बॉलीवुड फिल्म नहीं ‘आरआरआर’

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एसएस राजामौली के निर्देशन में बनी फिल्म ‘आरआरआर’ ने देश ही नहीं, दुनियाभर में धूम मचाई है। भारत के हिंदी पट्टी इलाके में इस फिल्म को दर्शकों ने जबरदस्त तरीके से सराहा। वहीं, हाल ही में हुए 80वें गोल्डन ग्लोब अवॉर्ड्स में फिल्म ने सफलता की नई कहानी लिखी। गौरतलब है कि बेस्ट ऑरिजनल सॉन्ग की श्रेणी में फिल्म के ‘नाटू नाटू’ गाने को गोल्डन ग्लोब अवॉर्ड मिला है। हर तरफ राजमौली की तारीफ हो रही है। मगर, इस बीच राजामौली के एक बयान पर हंगामा बरपा हुआ है। राजामौली का कहना है कि ‘आरआरआर’ बॉलीवुड फिल्म नहीं है। दिग्गज निर्देशक के इस बयान ने एक बार फिर बॉलीवुड बनाम दक्षिण की बहस छेड़ दी है। हालांकि, इस बयान की क्या सच्चाई है, आइए जानते हैं.

 

एसएस राजामौली ने डायरेक्टर्स गिल्ड ऑफ अमेरिका के साथ अपनी फिल्म की स्क्रीनिंग के मौके पर बात की। कहा जा रहा है कि इस फिल्म पर बात करते हुए राजामौली ने कहा कि ‘आरआरआर’ बॉलीवुड फिल्म नहीं है। यह भारत के दक्षिण की एक तेलुगू फिल्म है, जहां से मैं आता हूं। लेकिन, मैं फिल्म को रोकने और आपको म्यूजिक और डांस दिखाने के लिए नहीं बल्कि फिल्म की कहानी आगे बढ़ाने के लिए गाने का इस्तेमाल करता हूं। अगर फिल्म के आखिर में आप कहते हैं कि मुझे तीन घंटे पता नहीं चले तो मुझे पता है कि मैं एक सफल फिल्म निर्माता हूं।’

राजामौली के इस बयान के बाद सोशल मीडिया पर हंगामा बरपा हुआ है। लोग राजामौली की आलोचना कर रहे हैं। वहीं, ‘नाटू नाटू’ गाने को भी साधारण करार दे रहे हैं। वैसे हम आपको बता दें कि राजामौली ने यह बात क्षेत्रवाद की भावना से नहीं कही है। फिल्म निर्देशक ने अपनी फिल्म का परिचय देते हुए इस बात का जिक्र किया। सोशल मीडिया पर लोगों ने उनकी इसी बात का एक क्लिप वायरल कर दिया है। लेकिन, पूरी बात सुनने के बाद पूरा मामला साफ हो जाएगा। राजामौली बॉलीवुड और साउथ फिल्म का अंतर समझाने के लिए यह कहते नजरआ रहे हैं कि, ‘आप में से कुछ लोगों ने इंडियन फिल्में देखी होंगी। उनमें गाने और फाइट सीक्वेंस होते हैं। वो आपको इस फिल्म में भी देखने को मिलेगा। फर्क बस ये है कि ये बॉलीवुड मूवी नहीं है। ये एक तेलुगु फिल्म है, जो कि साउथ इंडिया से आती है, जहां से मैं आता हूं।’ इसके आगे उन्होंने अपनी बात स्पष्ट की है।