‘स्टारडम छिन जाने का दर्द बर्दाश्त नहीं कर पाए राजेश खन्ना’ ऐसे हुआ करियर खराब

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1960 के दशक में राजेश खन्ना ने खूब सक्सेस हासिल की. पॉपुलर इस कदर हुए कि इन्हें हिंदी सिनेमा का पहला सुपरस्टार तक कहा जाने लगा था. पर एक समय एक्टर के के जीवन में ऐसा भी आया, जब इनका स्टारडम नीचे गिरता चला गया. और फिर कभी राजेश खन्ना फिल्म इंडस्ट्री में अपनी धाक नहीं जमा पाए. हाल ही में एक इंटरव्यू में प्रेम चोपड़ा ने राजेश खन्ना के इसी डाउनफॉल पर खुलकर बात की.

प्रेम और राजेश ने करीब 19 फिल्में साथ में कीं. प्रेम ने कहा- राजेश ये मानने के लिए तैयार ही नहीं हो रहे थे कि उनकी फिल्में फ्लॉप हो रही हैं. जिस इंसान ने तीन साल में लगातार 15 हिट फिल्में दीं, भला वह इस बात को कैसे मान पाएगा कि उसकी फिल्में फ्लॉप पर फ्लॉप हो रही हैं. बता दें कि प्रेम चोपड़ा और राजेश खन्ना ने जिन फिल्मों में साथ काम किया, उनमें ‘प्रेम नगर’, ‘डोली’, ‘ऊंचे लोग’, ‘कटी पतंग’, ‘दो रास्ते’, ‘दाग’, ‘अजनबी’ और ‘महा चोर’ समेत कई फिल्मों के नाम शामिल हैं.

न्यूज 18 से बातचीत में प्रेम ने बताया कि राजेश संग काम करने का उनका एक्स्पीरियंस अद्भुत रहा. प्रेम ने कहा- राजेश को फिल्म के लिए साइन करने के लिए प्रोड्यूसर्स की लाइन लगी रहती थी. पर कई लोग उन्हें गलत समझ बैठे थे. “राजेश, एक इमोशनल इंसान थे. उनकी खुद की अपनी कुछ दिक्कतें थीं. मैं यह नहीं जानता कि आखिर दिक्कतें क्या थीं, पर इतना जरूर है कि इन परेशानियों के चलते के चलते राजेश ने स्टारडम खो दिया था.”

प्रेम ने आगे कहा कि कई बार राजेश को वो फिल्में भी ऑफर हुईं, जिनमें वह फिट नहीं बैठते थे. जो-जो फिल्म राजेश के हाथ से जातीं, वह अमिताभ बच्चन की झोली में जा गिरतीं. और अमिताभ उन रोल्स को करने के लिए तैयार हो जाते थे. “अमिताभ ने कई रोल्स ऐसे भी किए, जिनमें वह पिक्चर के हीरो नहीं, बल्कि एक साइड रोल में नजर आए. पर राजेश हमेशा एक हीरो का ही रोल अदा करना चाहते थे, इसलिए वह फिल्में करने से मना करते गए. और देखते ही देखते उनका स्टारडम नीचे जाता रहा.”

“राजेश चाहते तो अपने गिरते स्टारडम की बात को संभाल सकते थे, लेकिन वह दिन-प्रतिदिन निराश होने लगे. मुझे लगता है कि अगर आपको फिल्म इंडस्ट्री का हिस्सा रहने है तो काम न मिलने की बात को भी समझना होगा. हर व्यक्ति का एक समय होता है और वह कभी न कभी नीचे जाता ही है.”

बता दें कि राजेश खन्ना साल 1970 से 1987 तक फिल्म इंडस्ट्री में काफी सक्सेफुल रहे. यह हिंदी सिनेमा के हाईएस्ट पेड एक्टर रहे. इसके बाद एक्टर का डाउनफॉल शुरू हो गया था. एक के बाद एक वह फ्लॉप फिल्में दे रहे थे. नतीजन उन्होंने धीरे-धीरे फिल्म इंडस्ट्री से किनारा कर लिया. और फिर लंबे समय तक बीमार रहने के बाद जुलाई 2012 में उनका निधन हो गया. राजेश खन्ना की कुछ सक्सेफुल फिल्मों के बारे में अगर बात की जाए तो इसमें आखिरी खत (1966), राज (1967), आराधना (1969), कटी पतंग (1970), आनंद (1971), दुश्मन (1971), अमर प्रेम (1972), बावर्ची (1972), अवतार (1983) और अमृत (1986) रहीं. सभी फिल्मों में उन्होंने एक से बढ़कर एक रोल अदा किया.दर्शकों की जान बन गए थे राजेश.