करोडो की सम्पति के मालिक होने के बाद भी नहीं मिला ठीक खाना, दुखी पिता ने बेटो को जेल में डालने की मांग की!

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दोस्तों लोग कहते है की माँ पर बाप बच्चे कई बच्चो के पेट पाल सकते है लेकिन सभी बच्चे मिलकर भी अपने माता पिता का पेट नहीं पल सकते है, ये बात कई बार साबित हो चुकी है। वैसे तो माता-पिता को भगवान का दर्जा दिया जाता है। इतना ही नहीं, वह अपनों बच्चों को पढ़ा लिखाकर इतना बड़ा करते हैं ताकि उनके बच्चे अपने पैरों पर खड़े हो सकें मगर जब वहीं बच्चे बड़े होकर अपने माता-पिता को घर से बाहर कर देते हैं तो माता-पिता से बुढ़ापे का सहारा तक छिन जाता है।

कुछ ऐसा ही मामला मध्य प्रदेश के मुरैना जिले के पोरसा कसबे से सामने आया है, जहां एक बूढ़े रिटायर्ड फौजी और उनकी पत्नी को उनके बच्चों ने अकेला छोड़ दिया जिससे चलते दोनों बुज़ुर्ग दंपतियों ने प्रशासन से अपने बेटों को जेल में डालने की मांग जताई। बता दे की 95 साल के बुज़ुर्ग रिटायर्ड फौजी इंस्पेक्टर सिंह अपनी पत्नी राजाबेटी के साथ पोरसा में रहते हैं। कुछ साल आर्मी में काम करने के बाद उन्होंने VRS ले लिया और फिर CISF में नौकरी की। दोनों बुज़ुर्ग दंपतियों के तीन बच्चे हैं।


उनके दोनों बेटों की नौकरी फौज में लग गई और उनकी बेटी की शादी हो गई। फौज में काम करने पर इंस्पेक्टर सिंह ने दौलत तो कमा ली मगर उन्हें बुढ़ापे का सुख नहीं मिल पाया। एक बेटा भोपाल में शिफ्ट हो गया तो दूसरा ग्वालियर में जाकर रहने लगा। दोनों ने अपने माता-पिता को अकेला छोड़ दिया और अपने साथ रखने से मना कर दिया। इस पर रिटायर्ड फौजी ने कहा कि “बेटे बहुओं के जाने के बाद वह और उनकी पत्नी अकेलेपन कि ज़िन्दगी जीने पर मजबूर हो गए हैं। उनकी पत्नी को 10 साल पहले ही लकवा मार गया और वह खुद आज डिप्रेशन का शिकार हो गए हैं, जिसके चलते उनका मानसिक संतुलन बिगड़ जाता है।

इतना ही नहीं, बुढ़ापे के चलते तो वह अपने क्या अपनी पत्नी के लिए भी खाना नहीं बना पाते। पडोसी मदद के लिए हमे खाना भिजवा देते हैं, लेकिन जब कोई मदद नहीं मिल पाती तो उन दोनों को खाली पेट ही सोना पड़ता है। फौजी की इस परेशानी को सुनने जब तहसीलदार नरेश शर्मा उनके घर पहुंचे तो दोनों दम्पति उनको आपबीती सुनाते हुए रोने लगे। रिटायर्ड फौजी ने कहा कि साहब मेरे पास पैसा तो बहुत है मगर देखभाल करने को कोई नहीं है।

बेटे और बेटी ने अकेला छोड़ दिया है। हाल तक पूछने नहीं आते है। चाहे तो आप मेरी पूरी संपत्ति ले लो मगर हमारी देखभाल का बंदोबस्त करवा दो। इतना ही नहीं, उन्होंने अपने बेटों को जेल में डालने की बात भी तहसीलदार से कर दी जिसे सुनकर नरेश ने उन दोनों की मदद के लिए एक प्रकरण तैयार कर एसडीएम को भेज दिया उन्होंने कहा कि मामले को लेकर हम ऐसी कार्रवाई करेंगे कि ऐसी हरकत करने वाले हर संतान को सबक मिले।