सामने आई संजय दत्त की कमजोरी वाली तस्वीर की सचाई, हॉस्पिटल में कीमो नहीं इम्युनोथेरेपी से इलाज करवा रहे संजय दत्त!

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दोस्तों अभिनेता संजय दत्त फ़िलहाल लंग्स के कैंसर से लड़ रहे है, हाल ही में सोशल मीडिया में संजय दत्‍त की एक फोटो वायरल हुई थी, जिसमें वे काफी कमजोर नजर आ रहे थे। इसे लेकर कहा जा रहा था कि कीमोथेरेपी की वजह से उनका वजन गिर गया है। हालांकि सच्चाई कुछ और है। दैनिक भास्कर को मिली जानकारी के मुताबिक ना तो उनका वजन 20 किलो कम हुआ है और ना ही उनकी कीमोथेरेपी हो रही है।

 बता दे की अभिनेता संजू बाबा के करीबियों ने बताया कि उनके वजन में मात्र पांच किलो की गिरावट हुई है और वो कीमो की बजाय इम्‍युनो‍थेरेपी करवा रहे हैं। करीबियों की मानें तो अभिनेता की बीमारी उतनी गंभीर नहीं है, जितनी कि मीडिया में बताई जा रही है। उनके करीबी ने कहा कि संजय ने पिछले काफी लंबे समय से शेव नहीं की थी। ऐसे में बढ़ी दाढ़ी की वजह से उनके चेहरे व गले की सिलवटें नहीं दिखती थीं और चेहरा भरा हुआ नजर आता था।

हाल ही में दुबई जाने से पहले उन्‍होंने क्‍लीन शेव की और जब वो वहां से वापस आए तो पतले चेहरे के चलते उन्‍हें बीमारू बता दिया गया, जबकि असल में वे फिट एंड फाइन हैं और हर रोज नए राइटरों और डायरेक्‍टरों से मिल रहे हैं। पिछले दो दिनों में उन्‍होंने दो-तीन डायरेक्‍टरों से नई कहानियों के नरेशन लिए हैं।

संजय दत्‍त के करीबियों की बातों की पुष्टि फिल्म मेकर रवि चड्ढा के करीबियों ने भी की है। रवि चड्ढा उनके साथ ‘डम डम डिगा डिगा’ फिल्‍म बना रहे हैं। इसमें जैकी श्रॉफ और सुनील शेट्टी भी हैं। इसे यासवी फिल्‍म्‍स प्रोड्यूस कर रहे हैं। जिन्‍होंने हाल ही में श्रेयस तलपड़े और पवन मल्‍होत्रा आदि के साथ ‘सेटर्स’ बनाई थी। संजय दत्‍त के करीबियों ने उनकी हेल्‍थ को लेकर भी नई डेवलपमेंट बताई है। उनके मुताबिक संजय कीमो की बजाय इम्‍युनोथेरेपी ले रहे हैं। यह एक नई तकनीक है। जिसमें शरीर की प्रतिरक्षक कोशिकाएं, कैंसर की मेलिनेंट कोशिकाओं से लड़ने में मदद करती हैं।

इम्‍युनोथेरेपी लेने से बीमारी से लड़ने की ताकत इतनी मजबूत हो जाती है कि कैंसर तक का मुकाबला किया जा सकता है। रिपोर्ट में बहुत से लोगों को इम्‍युनो ओंकोलॉजी से फायदा हुआ है। इस तकनीक में हर इंसान की जरूरत को ध्‍यान में रखते हुए इम्‍युन बूस्‍टर थेरेपी दी जाती है। लिहाजा इम्‍युन सेल्‍स खासतौर पर कैंसर की कोशिकाओं पर हमला करती हैं और शरीर की स्‍वस्‍थ कोशिकाओं को कोई नुकसान नहीं पहुंचाती। कीमोथेरेपी के मुकाबले यही यहां फर्क है। कीमो के दौरान हेल्‍दी सेल्‍स भी अफेक्‍ट हो जाती हैं। नतीजतन कैंसर रोग के दोबारा होने के आसार रहते हैं। संजय दत्‍त इम्‍युनोथेरेपी ले रहे हैं। इससे इलाज के साइड इफेक्‍ट से वो बचे रह सकते हैं।