सुप्रीम कोर्ट में हुई ‘12th fail’ की विशेष स्क्रीनिंग, फिल्म देखकर CJI की आंखें हुईं नम

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फिल्म निर्माता विधु विनोद चोपड़ा की फिल्म ‘12वीं फेल’ की विशेष स्क्रीनिंग मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ और सुप्रीम कोर्ट के अन्य न्यायाधीशों के लिए आयोजित की गई। बुधवार को फिल्म की स्क्रीनिंग में सीजेआई, न्यायाधीश और सुप्रीम कोर्ट के 600 से अधिक अधिकारी और उनके परिवार शामिल हुए। इसके बाद जस्टिस चंद्रचूड़ और चोपड़ा के साथ-साथ फिल्म के मुख्य कलाकार विक्रांत मैसी और मेधा शंकर के बीच बातचीत हुई।

फिल्म की विशेष स्क्रीनिंग के दौरान इसकी टीम के अलावा, आईपीएस अधिकारी मनोज कुमार शर्मा, जिनके जीवन पर यह फिल्म आधारित है और उनकी पत्नी, आईआरएस अधिकारी श्रद्धा जोशी भी बातचीत का हिस्सा बनीं। इस बातचीत के दौरान सीजेआई डीवाई चंद्रचूड़ ने कहा, ‘मुझे विश्वास है कि हमारे स्टाफ परिवार का हर सदस्य अपने बेटों, बेटियों, दोस्तों को प्रोत्साहित करने और उन्हें देश को नई ऊंचाइयों पर ले जाने के लिए प्रेरित करने के लिए सच में प्रेरित होगा। ऐसी फिल्में हमें अपने आसपास के लोगों के लिए अपने जीवन के हर दिन कुछ बेहतर करने में सक्षम और प्रेरित करती हैं।’ बता दें कि ‘12वीं फेल’ अक्टूबर 2023 को सिनेमाघरों में रिलीज हुई थी फिल्म की कहानी और अभिनय की खूब तारीफ भी हुई थी।

विशेष स्क्रीनिंग के दौरान मुख्य न्यायाधीश ने विधु विनोद चोपड़ा की तारीफ करते हुए कहा कि उन्होंने जिस तरह से वास्तविक जीवन की कहानी को पर्दे पर उतारा है वह सराहनीय है। मुख्य न्यायाधीश ने कहा, विक्रांत और मेधा दोनों ने शानदार काम किया है। उन्होंने अपने किरदारों के जीवन और परिवेश को पूरी तरह से जिया है और फिल्म करते समय इसे अपना हिस्सा बना लिया है। मैं इसे महसूस कर सकता था। फिल्म में ऐसे पल थे जब मुझे लगा कि मुझे रूमाल की जरूरत है, क्योंकि मेरी आंखें नम थीं। यह फिल्म उम्मीद का एक मजबूत संदेश देती है। पूरे स्टाफ और सुप्रीम कोर्ट में मेरे सहयोगियों की ओर से, मैं ’12वीं फेल’ की टीम को हमारे साथ शाम बिताने के लिए धन्यवाद देना चाहता हूं।’


निर्देशक विधु विनोद चोपड़ा ने कहा कि उन्हें मुख्य न्यायाधीश के लिए फिल्म दिखाने का सम्मान मिला है। उन्होंने कहा, ‘यह मेरे जीवन की सबसे सुखद शामों में से एक थी। क्योंकि मैं एक ऐसे व्यक्ति के बगल में बैठकर फिल्म देख रहा था, जो फिल्म में मेरे द्वारा कही गई हर बात को समझ रहा था। उन्होंने मुझे महसूस कराया कि इस फिल्म पर अपने जीवन के पांच साल खर्च करना सार्थक था। मैं सुप्रीम कोर्ट के सभी सम्मानित न्यायाधीशों और सदस्यों का आभारी हूं, जिन्होंने हमारे साथ जुड़ने के लिए समय निकाला। यह एक जादुई शाम थी।’